स्टोरी: "(दिनेश सविता)"
हमीरपुर - सुमेरपुर थाना क्षेत्र के चंद्रपुरवा गांव स्थित इटरा आश्रम एक बार फिर विवादों में घिर गया है। आश्रम के महंत वेदानंद सरस्वती उर्फ बलराम दास बाबा पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने प्रशासनिक आदेशों की अनदेखी करते हुए गजानंद महाराज की समाधि को उखाड़ फेंका। इससे गांव में भारी रोष और तनाव फैल गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह वही समाधि है, जिसे लेकर साल 2012-13 में बड़ा विवाद हुआ था। उस समय तत्कालीन डीएम बी. चंद्रकला ने मामले की गंभीरता को देखते हुए समाधि पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था ताकि भविष्य में कोई विवाद न भड़के। बावजूद इसके, फरवरी 2025 में भी महंत के इशारे पर कुछ अराजकतत्वों ने समाधि को खंडित करने की कोशिश की थी, जिस पर प्रशासन ने कड़ी चेतावनी दी थी। लेकिन अब महंत वेदानंद सरस्वती ने प्रशासनिक आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए, अपने गुर्गों के साथ मिलकर गजानंद महाराज की समाधि को पूरी तरह उखाड़ फेंका। ग्रामीणों का कहना है कि यह कदम न केवल उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ है, बल्कि गांव में शांति व्यवस्था के लिए भी खतरा बन गया है। इस घटना से आक्रोशित समाजसेवी और स्थानीय लोगों ने थाना प्रभारी सुमेरपुर को तहरीर देकर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि प्रशासन को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर महंत और शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी धार्मिक स्थलों से इस तरह की छेड़छाड़ करने की हिम्मत न कर सके। गांव में फिलहाल माहौल तनावपूर्ण बताया जा रहा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आश्रम परिसर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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