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जय श्रीराम बोलने पर बच्चों की पिटाई

रिपोर्ट- अनुज जायसवाल

सोनभद्र के रावर्ट्सगंज ब्लॉक का एक सरकारी स्कूल इन दिनों खासा चर्चा में है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रार्थना के बाद कुछ बच्चे जय भीम का नारा लगा रहे थे तभी जब उनके बच्चे जय श्री राम बोले तो उन्हें प्रधानाध्यापक द्वारा पीटा गया। 



हालांकि स्कूल के प्रधानाध्यापक यह तो मान रहे हैं कि उन्होंने बच्चों को दंडित किया है लेकिन उनका आरोप निराधार है।



स्कूल के बाहर खड़े ये सब इसी गांव के ग्रामीण हैं, जिनके बच्चे इसी स्कूल में पढ़ते हैं ।


ग्रामीणों का आरोप है कि 25 फरवरी को उनके बच्चे जब स्कूल से लौटे तो घर पर बताया कि प्रार्थना के बाद कुछ बच्चे जय भीम का नारा लगा रहे थे लेकिन जब उन्होंने जय श्रीराम बोला तो प्रधानाध्यापक ने उनकी पिटाई कर दी। 



स्कूल में इस तरह का वाक्या सुनकर बच्चों के अभिभावक भी हैरान थे। घटना के दूसरे दिन यानी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि की छुट्टी थी। जिसकी वजह से मामला शांत रहा लेकिन जैसे ही गुरुवार यानी 27 फरवरी को स्कूल खुला ग्रामीण इक्कठा होकर स्कूल के बाहर पहुंच गए । ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में बच्चे राजनीति के शिकार हो रहे हैं। बच्चों के पिता का आरोप है कि क्यों स्कूल के प्रधानाध्यापक ने सिर्फ जय श्रीराम का नारा लगाने वालों को ही पीटा ?


वहीं स्कूल प्रधानाध्यापक ने यह स्वीकार किया कि बच्चों को दंडित किया गया है लेकिन स्कूल परिसर में झंडा फहराने व जय श्रीराम का नारा लगाने के लिए न कि किसी द्वेष भाव से ।


बहरहाल स्कूल में प्रार्थना के बाद लगाए गए नारे ने जहां एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, वहीं स्कूल के प्रधानाध्यापक द्वारा जिस तरह से एक पक्षीय कार्यवाही की गई है यह मामला अब राजनीतिक बनता जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि प्रधानाध्यापक के सामने यदि बच्चे अन्य कोई नारा लगा रहे हैं तो इससे साफ है कि स्कूल में प्रधानाध्यापक का अनुशासन नहीं चल रहा। 


बड़ा सवाल तो यह है कि प्रधानाध्यापक ने दोनों पक्षों को नारा लगाने के लिए क्यों नहीं रोका, क्या प्रधानाध्यापक द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही उचित था, अब यह तो शीर्ष अधिकारियों को ही निर्णय लेना होगा। ग्रामीण अब मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि इस पर ठोस कार्यवाही की जाय ताकि स्कूल का माहौल ठीक हो सके और बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सके।

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