Hot Posts

6/recent/ticker-posts

ऑपरेशन से पहले 25 हजार की फिरौती, नवजात की लाश झोले में लेकर DM दफ्तर पहुंचा बाप

रिपोर्ट: "दिनेश सविता"



लखीमपुर खीरी - यूपी के लखीमपुर खीरी में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही और पैसों की भूख ने एक मासूम की जान ले ली। शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय का नजारा दिल दहला देने वाला था, जब एक पिता अपने नवजात बच्चे का शव झोले में रखकर डीएम के दफ्तर पहुंच गया। पिता विपिन गुप्ता का आरोप है कि महेवागंज के गोलदार अस्पताल ने इलाज के नाम पर मोटी रकम मांगी। पैसे पूरे न होने पर न तो सही इलाज किया गया और न ही मां की जिंदगी बचाने की कोशिश। नतीजा—बच्चे की मौत हो गई और मां की हालत नाजुक बनी हुई है। जैसे ही शख्स शव लेकर डीएम दफ्तर पहुंचा, वहां अफरा-तफरी मच गई। मौके पर ही डीएम ने तुरंत सख्ती दिखाते हुए संबंधित गोलदार अस्पताल को सील करने के आदेश दे दिए।

पैसों की भूख ने छीनी मासूम की सांसें- 

भीरा थाना क्षेत्र के ग्राम नौसर जोगी निवासी विपिन गुप्ता की पत्नी रूबी गुप्ता गर्भवती थीं। बुधवार रात प्रसव पीड़ा बढ़ने पर उन्हें पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुआ ले जाया गया। वहां से रेफर किया गया तो आशा बहू की सलाह पर परिजन महिला को महेवागंज स्थित गोलदार हॉस्पिटल ले गए। यहां मौजूद डॉ. हुकुमा गुप्ता और मनीष गुप्ता ने इलाज से पहले ही सौदेबाजी शुरू कर दी। परिजनों से 10 से 12 हजार रुपए डिलीवरी के नाम पर मांगे गए, फिर हालत बिगड़ने पर 25 हजार रुपए एडवांस की डिमांड कर दी गई। विपिन गुप्ता ने तुरंत 5 हजार रुपए दिए और बाकी रकम सुबह तक देने की बात कही, लेकिन आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज को टालना शुरू कर दिया। हालत बिगड़ने पर जब ऑपरेशन की जरूरत पड़ी तो डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। इतना ही नहीं, आरोप है कि नर्सों की मदद से प्रसूता को जबरन अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया।

"सिस्टम पर सवाल-"

इलाज के अभाव और लापरवाही से मासूम ने दम तोड़ दिया। शव लेकर जब पिता प्रशासन के पास पहुंचा तो पूरा सिस्टम हिल गया। अब सवाल ये है कि आखिर कब तक पैसे के खेल में मासूम जानें यूं ही बर्बाद होती रहेंगी?

Post a Comment

0 Comments