रिपोर्ट: (दिनेश सविता)
हमीरपुर में इंसानियत को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। रुपये न होने की मजबूरी में एक गरीब रिश्तेदार ने मृतक का शव काली पॉलिथीन में लपेटकर लकड़ी के पटरे पर रस्सी से बांधा और ई-रिक्शे में रखकर 16 किलोमीटर तक सफर किया। रास्ते में जिस किसी ने भी यह दृश्य देखा, वह दंग रह गया। लोगों ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को जमकर कोसा कि आखिर इतनी बड़ी व्यवस्था के बाद भी गरीब को मृतक का सम्मानजनक अंतिम सफर नसीब नहीं हुआ। शनिवार सुबह कुरारा थाना क्षेत्र के झलोखर गांव स्थित खिरवा मोड़ पर पुलिया के ऊपर एक युवक का शव बरामद हुआ था। सूचना पर पहुंची पुलिस और फील्ड यूनिट ने जांच पड़ताल की, मृतक की पहचान कुरारा कस्बे के वार्ड नंबर 11 निवासी 45 वर्षीय जाकिर पुत्र साबिर के रूप में हुई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम के बाद जब शव घर ले जाने की बारी आई, तो रिश्तेदार दिलदार मंसूरी के सामने पैसों की किल्लत खड़ी हो गई। चार पहिया वाहन चालकों ने ढाई से तीन हजार रुपये तक किराया मांगा, जो उसके पास नहीं थे। मजबूरी में उसने 800 रुपये में एक ई-रिक्शा तय किया। लकड़ी का पटरा लगाकर शव को काली पॉलिथीन में लपेटा और रस्सियों से कसकर बांध दिया। फिर कुरारा के लिए रवाना हो गया। शव से लदा ई-रिक्शा जब शहर की सड़कों से गुजरा, तो लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं। किसी ने वीडियो बनाया, किसी ने तस्वीर — और सबके दिल में एक ही सवाल उठा कि क्या गरीबी में इंसान की इज़्ज़त भी सस्ती हो गई है? रिश्तेदार दिलदार मंसूरी ने कहा, “हम क्या करते, पैसे नहीं थे। बड़े वाहन वाले बहुत ज्यादा किराया मांग रहे थे, मजबूरी में ई-रिक्शा ही लेना पड़ा।” थानाध्यक्ष कुरारा रामआसरे सरोज ने बताया कि “पुलिस के पास शव वाहन नहीं है, पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचाने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होती है।” वहीं, सीएमओ डॉ. गीतम सिंह ने कहा कि “उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है, मामले की जांच कराई जाएगी।”

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