रिपोर्ट - चंद्रभान यादव
छत्तीसगढ़ - वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह की अध्यक्षता व नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद भगत की मुख्य आतिथ्य तथा उप निदेशक अभियोजन सुरेश कुमार साहू, सहायक निदेशक अभियोजन विपीन शर्मा, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विवेक शर्मा, आरती खटकवार व वरिष्ठ समाज सेवी मैनेजर राम की उपस्थिति में सिटी कोतवाली जशपुर थाना परिसर में नवीन आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के संबंध में जागरूकता हेतु प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें जिला मुख्यालय के विभिन्न स्कूलों/ कॉलेजों के 500 से अधिक छात्र छात्राओं ने नवीन आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के दौरान मंच पर उपस्थित मुख्य अतिथि अरविंद भगत (नगर पालिका अध्यक्ष जशपुर) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी व देश के गृह मंत्री अमित शाह जी, जनता को न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध हैं, नए बदले हुए कानून, जनहित की दिशा में उठाया गया क्रांतिकारी कदम है, आने वाली पीढ़ियां इस बदलाव को महसूस करेंगी।उप निदेशक अभियोजन सुरेश कुमार साहू ने अपने वक्तव्य में कहा कि नए कानून में हुए बदलाव का असर न्यायिक प्रक्रिया में दिखने लगा है, जो कि इस कानून का सकारात्मक पहलू है।वहीं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी आरती खटकवार ने बताया कि नए कानून में हुए बदलाव महिलाओं व बच्चों को और भी अधिक न्यायिक सुरक्षा प्रदान करती है।
सहायक निदेशक अभियोजन विपिन शर्मा ने उपस्थित छात्र छात्राओं को नवीन कानून के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि नए कानून में पीड़िता/शिकायतकर्ता को, उनकी शिकायत पर जांच की स्थिति के संबंध में, सूचना देना अनिवार्य है। इलेक्ट्रॉनिक माध्यम जैसे फोन, ई मेल, इत्यादि के माध्यम से की गई शिकायतों पर, पुलिस को जांच के उपरांत तीन दिनों में, एफ आई आर दर्ज करना आवश्यक है, साथ ही बताया गया कि आप देश में कहीं भी एफ आई आर दर्ज करा सकते हैं, जहां पुलिस शून्य में अपराध दर्ज कर, संबंधित थानों को जांच हेतु भेजती है। नवीन कानून के तहत पुलिस को महिला संबंधी अपराध पर 60 दिवस व अन्य अपराधों पर 90 दिवस के भीतर जांच विवेचना कर, चालन कोर्ट में पेश करना अनिवार्य है तथा 07 वर्ष से अधिक की सजा वाले गंभीर अपराधों में, घटना स्थल का फोरेंसिक अधिकारी के द्वारा जांच कराया जाना आवश्यक है। जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि नए कानून में पुलिस के द्वारा घटना स्थल की तलाशी, जप्ती प्रक्रिया की कार्यवाही का ऑडियो/वीडियो ग्राफी करा जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना अनिवार्य है तथा बताया कि चिकित्सा अधिकारी को, चिकित्सा परीक्षण रिपोर्ट, बिना किसी देरी के देना प्रावधानित है, बलात्कार जैसे गंभीर प्रकरणों में 07 दिवस के भीतर मेडिकल जांच रिपोर्ट देना अनिवार्य है। पीड़िता की जानकारी को गोपनीय रखना आवश्यक है।इस प्रकार विपिन शर्मा के द्वारा उपस्थित छात्र छात्राओं को और भी कानूनों में हुए बदलाव के संबंध में जानकारी दी गई।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के द्वारा उपस्थित छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि नए कानून में किए गए बदलाव, न्यायिक प्रक्रिया में मील का पत्थर साबित होंगे, नए कानून "*दंड से न्याय की ओर- की अवधारणा को स्थापित करते हैं। लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के अनुरूप ही नए कानून में बदलाव किए गए हैं, इस तरह का अभियान जिले के अन्य थाना/ चौकी क्षेत्रों में भी चलाया जाएगा।

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