रिपोर्ट - अरबाज खान बांदा
बांदा। बुंदेलखंड राज्य की वर्षों पुरानी मांग को लेकर चल रहे जनांदोलन ने शुक्रवार को एक नई दिशा पकड़ ली। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के बढ़ते दबाव और क्षेत्रीय जनता की आवाज को देखते हुए बांदा लोकसभा सांसद की ओर से यह आश्वासन दिया गया कि वे संसद के आगामी शीत सत्र में बुंदेलखंड राज्य के गठन की मांग को स्पष्ट और मजबूती से उठाएँगी। यह आश्वासन उस समय आया, जब संगठन ने सांसद आवास के घेराव की घोषणा कर दी थी और जिले में माहौल गर्म था। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के कार्यकर्ता सुबह से ही घेराव की तैयारी में जुटे थे, लेकिन सांसद की ओर से मांग स्वीकार कर लेने और आश्वासन दिए जाने के बाद समिति ने बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय लेते हुए घेराव कार्यक्रम को निरस्त कर दिया।
समिति को मिला स्पष्ट भरोसा समिति के महासचिव डालचंद्र एडवोकेट ने बताया कि सांसद की ओर से वार्ता करने सांसद प्रतिनिधि एवं पूर्व प्रमुख शिवशंकर सिंह पटेल पहुंचे और उन्होंने कहा कि सांसद स्वयं इस मांग की गंभीरता को समझती हैं तथा आने वाले संसद सत्र में बुंदेलखंड राज्य के मुद्दे को उठाने का निर्णय ले चुकी हैं। डालचंद्र एडवोकेट ने कहा कि बुंदेलखंड की जनता वर्षों से विकास, रोजगार, सिंचाई संकट, जल संकट और पलायन की समस्याओं से जूझ रही है। ऐसे में अलग राज्य की मांग अब सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि जनमानस की साझा पीड़ा बन चुकी है। सांसद द्वारा मांग स्वीकार किए जाने को संघर्ष की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है, और जब तक अलग बुंदेलखंड राज्य का गठन नहीं हो जाता, संघर्ष जारी रहेगा। ज्ञापन के दौरान डालचन्द्र मिश्रा शैलेन्द्र जौहरी कप्तान सिंह, दीपक, शुभम रहे।

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