रिपोर्ट - अरबाज खान बांदा
बांदा - महिला संस्था वनांगना के द्वारा चलाए जा रहे तरंग मेरे सपने मेरी उड़ान कार्यक्रम के तहत 16 दिवसीय अभियान का आगाज हुआ। इसमें किशोर, किशोरियों और सामुदायिक लीडर्स को डिजिटल हिंसा पर वीडियो दिखाकर साइबर क्राइम की जानकारी दी गई स साथ ही इससे बचने के उपाय बताए गए।
नरैनी ब्लॉक के जमवारा गाँव में बृहस्पतिवार से 16 दिवसीय अभियान की शुरुआत हुई। वानंगना डारेक्टर पुष्पा शर्मा ने कहा कि लोगों के बीच भाषा, नस्ल, रंग, लिंग, धर्म, अन्य विचार, संपत्ति, राजनीतिक आदि बातों के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए, इसलिए मानवाधिकार का निर्माण किया गया है। जूनियर विद्यालय परिसर में 100 किशोर, किशोरियों तथा सामुदायिक लीडर्स को डिजिटल हिंसा के बारे में वीडियो दिखाकर समझाया गया। उन्हें समझाया गया कि अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके क्राइम कर रहा है तो उससे डरे नहीं बल्कि अपने अभिभावक को इसकी जानकारी दें।
लीडर्स द्वारा रैली निकालकर महिला हिंसा के विरोध में नारे लगाए गए। ग्रामीणों, दुकानदारों व राहगीरों को पर्चे बांटे गए। मानवाधिकारों के प्रति जागरूक किया गया। महिलाओं के पैनल ने अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम में उपस्थित संकुल प्रभारी खालिद खान ने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने महिलाओं को हिंसा के प्रति आवाज़ उठाने के लिए प्रेरित किया। सीनियर कार्यकर्ता शोभा देवी ने कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि लिंग के आधार पर होने वाली डिजिटल हिंसा को हम सबको मिलकर आवाज़ उठाने की ज़रूरत है। सभी लोगों ने हस्ताक्षर कर हिंसा को समाप्त करने की सहमति जताई। कार्यक्रम में उपस्थित रहीं सहायक टीचर्स राधा, शाहीन, श्यामकली, फरजाना, दीपक, आतिफा, आरती, शिफ़ा, सहबा, तहमीना, आदि।

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