रिपोर्ट - चंद्रभान यादव
जशपुर - भारत के राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में, इसके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जशपुर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगीत “वंदे मातरम” के बैंड धुन से हुई, जिसमें शांति भवन, जशपुर से आए विद्यार्थियों की बैंड पार्टी ने मनमोहक प्रस्तुति दी। बैंड की स्वर लहरियों ने पूरा वातावरण देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया। पुलिस कार्यालय प्रांगण में मौजूद अधिकारी, कर्मचारी और छात्र-छात्राएँ राष्ट्रगीत की धुन पर गर्व महसुस किया गया।
इसके पश्चात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के नेतृत्व में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक स्वर में “वंदे मातरम” का गायन किया। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय एकता, अखंडता और मातृभूमि के प्रति निष्ठा का संदेश दिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस अवसर पर विद्यार्थियों की बैंड पार्टी की प्रशंसा करते हुए कहा –
वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, यह राष्ट्र के बहुजनों को एक सूत्र में पिरोता है, हमारी मातृभूमि के प्रति श्रद्धा, एकता और समर्पण का प्रतीक है, इसके हर शब्द में मातृभूमि के प्रति प्रेम, गर्व और त्याग की भावना निहित है। आज से 150 वर्ष पूर्व रचित यह गीत आज भी उतना ही प्रासंगिक है, क्योंकि यह हमें हमारी जड़ों और कर्तव्यों की याद दिलाता है।
एसएसपी शशि मोहन सिंह द्वारा विद्यार्थियों को निरंतर अभ्यास और अनुशासन के साथ अपने कौशल को निखारते रहने की प्रेरणा दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा शांति भवन बैंड पार्टी के विद्यार्थियों को प्रोत्साहन स्वरूप शुभकामना एवं प्रशंसा दी गई।
सभी उपस्थित जनों ने सामूहिक रूप से “वंदे मातरम” का पुनः गायन किया, जिससे पूरे परिसर में देशभक्ति का उत्साह और गौरव की भावना व्याप्त हो गई।
वंदे मातरम” का ऐतिहासिक महत्व -
“वंदे मातरम” की रचना वर्ष 1875 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा की गई थी। यह गीत भारत के स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणा स्रोत बना और आज भी राष्ट्र के प्रति प्रेम और सम्मान का प्रतीक है। 150 वर्षों की इस गौरवमयी यात्रा को स्मरण करते हुए जशपुर पुलिस ने इस आयोजन के माध्यम से मातृभूमि के प्रति अपनी निष्ठा और कर्तव्यभाव को पुनः पुष्ट किया।

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