Report - अनुज जायसवाल
सोनभद्र के चोपन नगर में जीवित्पुत्रिका व्रत के अवसर पर सोन नदी किनारे और मंदिरों में श्रद्धालु महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई। महिलाओं ने पुत्र की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखा और विधिवत पूजा-अर्चना की। भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि पर महिलाओं ने भगवान गणेश, माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की। पुजारी के अनुसार, प्रदोष काल में पूजा के बाद व्रत कथा सुनने का विधान है। इस व्रत से जुड़ी दो कथाएं प्रचलित हैं - सियारन की कथा और जीमूतवाहन की कथा।
पूजा स्थल पर नालियों का गंदा पानी आने से स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा गया। स्थानीय निवासी सुभाष साहनी ने बताया कि नाली के पानी को एकत्र करने के लिए गड्ढा बनाया जाना चाहिए था। व्यवस्था में कमी के कारण महिलाओं को खराब परिस्थितियों में पूजा करनी पड़ी। नगर पंचायत और प्रशासन की ओर से बेहतर व्यवस्था नहीं की गई। जीवित्पुत्रिका व्रत पर हर साल 500 से अधिक श्रद्धालु नदी तट पर एकत्र होते हैं। चारों ओर पूजा-पाठ और घंटा-घड़ियाल की आवाज से वातावरण भक्तिमय हो गया।
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