ब्यूरो रिपोर्ट: "भारत स्टेट"
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। गांव नौसर जोगी निवासी विपिन गुप्ता की पत्नी रूबी को प्रसव पीड़ा हुई तो उन्हें बिजुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने कहा कि अभी प्रसव का समय नहीं आया है और महिला की हालत बिगड़ते ही जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। इसी दौरान गांव की आशा बहू दीपा उन्हें गोलदार अस्पताल ले गई। यहां इलाज रुपये न जमा होने पर रोक दिया गया। थोड़ी रकम जमा होने के बाद इलाज शुरू हुआ, लेकिन तब तक स्थिति बिगड़ चुकी थी। डॉक्टरों का रवैया भी उदासीन रहा। जब परिजन रूबी को दूसरे अस्पताल ले गए और जांच कराई, तो साफ हो गया कि गर्भस्थ शिशु की पेट में ही मौत हो चुकी है। इस दर्दनाक हादसे ने पिता विपिन गुप्ता को तोड़कर रख दिया। सोमवार दोपहर वे नवजात का शव थैले में डालकर सीधे डीएम कार्यालय पहुंच गए। वहां अधिकारियों के सामने रोते हुए बोले –“साहब, इसे जिंदा कर दो... इसकी मां को मैं क्या जवाब दूँ?”
इस मार्मिक दृश्य ने हर किसी का दिल दहला दिया। मामले की गंभीरता देखते हुए डीएम ने तुरंत सीएमओ और एसडीएम की टीम बुलाकर गोलदार अस्पताल को सील करने का आदेश दिया। साथ ही, तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन हुआ, आशा बहू को नोटिस जारी किया गया और अधिकारियों को निर्देश मिले कि रूबी का इलाज अब मुफ्त में कराया जाए।
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