बारिश बंद होने के बाद भी बांधों के आसपास के गांवों में दुश्वारियां अब भी जस की तस बनी हुई हैं। लतीफशाह बांध के समीप स्थित आधा दर्जन से अधिक गांव में विद्युत आपूर्ति पिछले एक सप्ताह से ठप हुई है। लेकिन अभी तक टूटे हुए तार की मरम्मत कराकर आपूर्ति बहाल किए जाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे ग्रामीण अंधेरे में रात गुजार रहे हैं। वही गांवों तथा घरों में सांप बिच्छुओं के आने से लोग भय के बीच रात गुजारने को मजबूर हो रहे हैं।
कौड़िहार, खास, भागलपुर, पथरहिया, धन्नीपुर, नईबस्ती आदि गांव लतीफशाह बांध के समीप स्थित है। इन गांवों में चकिया विद्युत उपकेंद्र से मुसाखांड़ फीड़र द्वारा बिजली की आपूर्ति की जाती है। इन गांव में बिजली आपूर्ति के लिए बांध के पश्चिमी छोर से पूर्वी छोर पर की जाती है। बांध के बीच का एरिया लंबा दूरी होने तथा ऊपर से जर्जर हो चुके तारों से आपूर्ति किए जाने के कारण तार टूट कर गिर जाते हैं। जिससे अक्सर गांव की बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है। बांध में बाढ़ की स्थिति बनने के कारण पिछले एक सप्ताह से तार टूट कर गिर गया है। जिससे पूरा गांव अंधेरे में तब्दील है। बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में होने के बाद अब गांवों में सांप और बिच्छुओं का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। गांव के रामभरोस, रामानंद, तेजस, आकाश, धर्मदेव, गुरुदेव, रामसहारे, तेजबली, बलदाऊ आदि का कहना है कि तार जोड़कर विद्युत आपूर्ति बहाल किए जाने के लिए कई बार विभागीय अवर अभियंता तथा एसडीओ से कहा गया लेकिन आज तक टूटे तार का मरम्मत तक नहीं कराया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि तार बनाने के लिए लाइनमैन तो मौके पर आ रहे हैं लेकिन उन्हें विभाग द्वारा मटेरियल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जिससे तार जोड़ने का काम अधर में लटका हुआ है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश गहराता जा रहा है। ग्रामीणों ने बार-बार की समस्या से निजात दिलाए जाने के लिए गांव के समीप तार खींचने के लिए बड़ा टावर स्थापित करने का मांग किया है। तथा तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर विद्युत आपूर्ति बहाल किए जाने की भी मांग की है। मांगे पूरी न होने पर आंदोलन का भी चेतावनी दिया है।
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