रिपोर्ट : शाहिद मसरूर पप्पू बुंदेला
मौदहा हमीरपुर। कस्बे सहित क्षेत्र के विख्यात शायर मास्टर मसरूर अहमद मसरूर के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय पटल आयोजित मुशायरे में उनकी किताब विमोचन किया गया।बीते 19जून को कतर की राजधानी दोहा में एएमयू एलुमनी एसोसिएशन क़तर(AMUAAQ) द्वारा उर्दू साहित्य के प्रसिद्ध शायर मसरूर अहमद मसरूर की साहित्यिक विरासत के सम्मान में एक भावनात्मक अंतरराष्ट्रीय किताब विमोचन एवं मुशायरा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में उनकी मरणोपरांत प्रकाशित कविता-संग्रह “ज़ख्मों की काश्त” का औपचारिक विमोचन किया गया हालांकि बीते साल कस्बे में आयोजित मुशायरे में भी उनकी किताब का विमोचन किया गया था। मुशायरा और विमोचन कार्यक्रम में दुनिया के प्रतिष्ठित साहित्यकारों, साहित्य प्रेमियों और समुदाय के सदस्यों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रसिद्ध कहानीकार एवं शायर प्रो. ग़ज़नफ़र अली ने की, जिन्हें उर्दू साहित्य में उनके योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात शायर आलोक कुमार श्रीवास्तव (शाज़ जहानी) और विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध साहित्यिक विद्वान मुज़फ़्फ़र नायाब ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
तीनों अतिथियों को एएमयूएएक्यू के अध्यक्ष जावेद अहमद, उपाध्यक्ष फ़ैसल नसीम, और महासचिव मोहम्मद फरमान ख़ान ने शॉल और प्रमाणपत्र भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ. नदीम ज़फ़र जिलानी, अध्यक्ष AMUAAQ, ने किया, जिन्होंने शायरों को मंच पर बुलाते समय उर्दू के अशआर सुनाकर महफ़िल को रंगीन बना दिया।आसिफ़ शफ़ी और डॉ. हसन रिज़वी द्वारा लिखे गए आलोचनात्मक लेखों ने पुस्तक को साहित्यिक गहराई प्रदान की। प्रो. ग़ज़नफ़र अली ने अपने विशिष्ट शैली में मसरूर साहब को श्रद्धांजलि दी, इस दौरान प्रो. ग़ज़नफ़र अली, शाज़ जहानी, मुज़फ़्फ़र नायाब, डॉ. नदीम दानिश, अज़ीज़ नबील, आसिफ़ शफ़ी, अनवर मक़सूद, रकीम आज़मी और ममनून अहमद बंगश आदि शायरों ने सुंदर कलाम पेश किए।फ़र्रुख़ फ़ारूक़ी, मोहम्मद नईम, डॉ. अशना नुसरत और ग़ज़ाला यासमीन, अली इमरान,सरवर मिर्ज़ा, ग़ुफ़रान अली ख़ान, शहाबुद्दीन और डॉ. सिकंदर जैसे लोगों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए।
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