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मौनी अमावस्या से पहले महाकुंभ में उमड़ी भारी भीड़

प्रयागराज: मौनी अमावस्या से पहले महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। संगम नगरी प्रयागराज में चारों ओर आस्था का सैलाब देखने को मिल रहा है। लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना कर रहे हैं।

श्रद्धालुओं की भीड़

प्रयागराज के महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के अवसर पर देशभर से श्रद्धालु पहुंचे हैं। मेले के आयोजन से पहले ही प्रशासन ने अनुमान लगाया था कि मौनी अमावस्या पर करोड़ों की संख्या में भक्त संगम में स्नान करेंगे।



संगम के घाटों पर तड़के से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। स्नान, पूजा-अर्चना और दान-पुण्य का सिलसिला जारी है।

आस्था का महापर्व

मौनी अमावस्या को पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मा शुद्ध होती है। इस पवित्र दिन पर मौन रहकर ध्यान और पूजा करने का भी विशेष महत्व है।

प्रशासन की तैयारियां

प्रशासन ने भीड़ को संभालने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। घाटों पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए कई रूट डायवर्जन किए गए हैं। साथ ही, मेले में खोया-पाया केंद्र और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मेडिकल कैंप भी स्थापित किए गए हैं।

महाकुंभ की छटा

महाकुंभ में श्रद्धालुओं के साथ-साथ साधु-संतों का भी जमावड़ा है। अखाड़ों के साधु अपने भव्य शिविरों में प्रवचन और धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं। कई नागा साधु और सन्यासी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। मेले में हर ओर भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चारण की गूंज सुनाई दे रही है।

मौनी अमावस्या का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। यह दिन आत्मा की शुद्धि और ईश्वर से जुड़ने का प्रतीक है। लोग इस अवसर पर मौन व्रत रखकर आत्मचिंतन करते हैं।

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